कौन जात हो भाई' - बच्चा लाल 'उन्मेष' || एक कविता: आपके नाम || Rakesh Kumar
कौन जात हो भाई यह कविता कवि बच्चा लाल उन्मेष द्वारा लिखित है, मैंने तो आपको केवल पढ़कर सुनाई हैँ,मैं चाहता हूं कि यह कविता जनमानस तक पहुंचे। आज भी हमारे समाज में जाति -पाति का जहर भूला हुआ है, वह अच्छी तरीका से लोगों को पता चल सके
Kaun jat ho bhai
कौन जात हो भाई' - बच्चा लाल 'उनमेष
Ekavita
Dr kumar vishwas
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