मेरी आपसे हाथ जोड़कर विनती है कि जितना हो सके उतना गरीबों को मदद करें और दूसरे को भी इस कार्य के लिए प्रोत्साहित करें क्योंकि भूख भूख होती है और दर्द दर्द होता है चाहे वह गरीब की हो या अमीर की मेरे द्वारा लिखी हुई यह कविता अगर आपको पसंद आई तो इसको जरूर शेयर करें ताकि और भी लोग इस कविता के द्वारा गरीबों के दर्द को समझ सके और अधिक से अधिक मात्रा में उनकी मदद करें ।।सर्वे भवंतु सुखिनः सर्वे संतु निरामया सर्वे भद्राणि पश्यंतु मां कश्चित् दुख भाग भवेत्।।
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