रांची के एक पहाड़ में मिला हज़ारों साल पुराना ( प्रागैतिहासिक काल) शैल चित्र। में इस पहाड़ पे अपने भूवैज्ञानिक शोध के लिए अक्सर जाता हूँ। १५० फ़ीट चढ़ने के बाद एक रॉक शेल्टर है जिसके सतह पे ये रॉक पेंटिंग है। माना जाता है की ये ईसा पूर्व पांच हज़ार से दस हज़ार वर्ष पुराना है। कुछ ज्यामितीय रेखाएं भी हैं और पंजे का छाप भी है जिसमे लाल रंग के ochre पेंट का इस्तेमाल किया गया है।
पत्थर पर बनी चित्रकलाओं को शैल चित्र या रॉक पेंटिंग कहते हैं. ये चित्र प्राचीन या प्रागैतिहासिक काल के होते हैं. शैल चित्रों में चित्रांकन, नक्काशी, उत्कीर्णन, चट्टान व्यवस्था, और भूमि चित्रांकन शामिल हैं. शैल चित्रों से जुड़ी कुछ खास बातेंः
१. ये चित्र आमतौर पर प्राचीन जानवरों, औज़ारों, और मानवीय गतिविधियों को दर्शाते हैं.
२. ये चित्र अक्सर प्रतीकात्मक होते हैं.
३. शैल चित्रों से शिकार की विधि और स्थानीय समुदायों के जीवन जीने के तरीकों का पता चलता है.
४. आदिवासी समुदाय के लोग शैलों पर बने चित्रों का अनुकरण करके अपने रीति-रिवाज़ों का पालन करते हैं.
५. शैल चित्रों से समय के साथ कलात्मक शैलियों के विकास का पता चलता है.
प्रागैतिहासिक शैल चित्रों में मानव विकास की कड़ी को जोड़ने में अपनी महत्ती भूमिका निर्वहन की जिसके फलस्वरूप आदिम एवं प्रागैतिहासिक मानव के क्रिया-कलाप, रहन-सहन, भोजन की पर्तों को समझने में सहायता मिली । #ranchidiaries #ranchinews #ranchi #rockpainting #rockart #jharkhandnews #jharkhand #jharkhandupdate #jharkhandtourism #rockshelter #archeological #archeologicalsurveyofindia #ancienthistory #prehistoric
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