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Makar Sankranti 2019 - मकर संक्रांति शुभ मुहूर्त और महत्त्व

Makar Sankranti Shubh Muhurat - Aaj ham is video ke madhyam se jaanenge 2019 me makar snakranti ka pawan parv kab manaaya jayega. Aaiye is video me jaante hain Makar sankranti 2019 ki shubh tithi aur shubh muhurt. Generally Makar Sankranti ka tyohar 14 january ko manaya jata hai lekin is saal 2019 me yah tyohar 15 january ko manaya jaayega. makar Sankranti ke bare me adhik jaankari ke liye dekhen poora video.

आज हम इस विडियो के माध्यम से जानेंगे 2019 में मकर संक्रांति का पावन पर्व कब मनाया जाएगा. मकर संक्रांति की शुभ तिथि और इस दिन किस समय आपको पूजा करनी चाहिए | सामान्यत: हर साल मकर संक्रांति का त्यौहार 14 जनवरी को मनाया जाता है लेकिन इस साल 2019 में यह त्यौहार 15 जनवरी को मनाया जाएगा | मकर संक्रांति के पावन पर्व के बारे में अधिक जानकारी के लिए देखें पूरा विडियो |

#MakarSankranti #Uttarayan

शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurt ) - 01:28
मकर संक्रांति का महत्त्व (Importance of Makar Sankranti) - 01:50
मकर संक्रांति पूजा (Makar Sankranti Puja) : 03:15
मकर संक्रांति कैसे मनाएं (How to Celebrate Makar Sankrati )- 03:34

हिन्दू धर्म में मकर संक्रांति का अपना एक महत्व है। सूर्य हर महीने एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है, सूर्य 12 महीनों में 12 राशियों में भ्रमण करता है, इसी को संक्रांति कहते है परन्तु सबसे अधिक महत्व मकर संक्रांति का है। सूर्य धनु से मकर राशि में प्रवेश करता है इस राशि परिवर्तन को ही मकर संक्रांति कहते हैं।
आइए अब जानते है मकर संक्रांति के शुभ मुहूर्त के बारे मे
पुण्य काल मुहूर्त : - सुबह 07:15:14 से दोपहर 12:30:00 तक
कुल अवधि- 5 घंटे 14 मिनट
महा पुण्य काल मुहूर्त : सुबह 07:15:14 से 09:15:14 तक
कुल अवधि- 2 घंटे

मकर संक्रांति का महत्व -
हिंदू धर्म मे प्रत्येक महिने मे दो पक्ष आते है, एक कृष्ण पक्ष और दूसरा शुक्ल पक्ष, इसी प्रकार एक वर्ष मे दो अयन होते है एक उत्तरायण और दूसरा दक्षिणायन। इन दो अयनों को मिलाकर ही एक वर्ष बनता है। सूर्य जब दक्षिणायन में होता है, उन छ: महीनों कि अवधि को देवताओं की रात्रि कहा जाता है और सूर्य जब उत्तरायण मे होता है, तो उन छ: महीनों कि अवधि को देवताओं का दिन कहा जाता है। मकर संक्रांति के दिन सूर्य उत्तरायण होता है इसलिये भी इस दिन का महत्व और ज्यादा बढ़ जाता है
इस दिन किसकी आराधना करें-
इस दिन भगवान गणेश, विष्णु, महेश और सूर्य भगवान कि आराधना की जाती है। इस दिन भगवान को खिचड़ी का भोग लगाया जाता है और साथ ही गुड़, तिल, रेवड़ी, गजक आदि का प्रसाद भी बांटा जाता है।

किस तरह मनाया जाता है यह पर्व-
हिंदू धर्म में स्वादिष्ट और मीठे व्यंजनों के बगैर हर त्यौहार अधूरा सा लगता है। इस दिन घर मे खाने के लिए जो व्यंजन बनाये जाते है उन व्यंजनों में तिल का प्रयोग अधिक किया जाता है । मकर संक्रांति पर तिल के लड्डू, तिल पट्टी, तिलकुट खाने का खास महत्व है। वैज्ञानिक तथ्य के अनुसार तिल और गुड़ के सेवन से ठंड के मौसम में शरीर को गर्मी मिलती है और यह स्वास्थ के लिए लाभदायक होता है।

तीर्थयात्राओं और मेले का आयोजन -
मकर संक्रांति के पावन दिन देश के कई नगरों में मेले का आयोजन किया जाता है, जहां लाखों की तादाद में श्रद्धालु आते है। खासकर मध्य प्रदेश ,उत्तर प्रदेश और दक्षिण भारत में बड़े- बड़े मेलों का आयोजन होता है। इस मौके पर लाखों श्रद्धालु गंगा और अन्य पावन नदियों के तट पर स्नान और दान-पुण्य करते हैं।

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