महाशिवरात्रि पर शिवलिंग व मंदिर में शिव को गाय के कच्चे दूध से स्नान कराने पर विद्या प्राप्त होती है।
शिव को गन्ने के रस से स्नान कराने पर लक्ष्मी प्राप्त होती है। भोलेनाथ को शुद्ध गंगा जल से स्नान कराने पर सभी इच्छाएं पूरी होती है। भगवान शिवलिंग पर बेलपत्र, अक्षत, दूध, फूल और फल चढ़ाना चाहिए।
शिवरात्रि पर शिव आराधना से समस्त मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस दिन व्रत का महत्व बताया गया है। शिव पूजा में आंकड़े के फूल व बिल्व पत्र का विशेष महत्व है।
थाली में अक्षत, जनेऊ के साथ अष्ट गंध या चंदन रखें। शिवलिंग को ॐ नमः शिवाय के उच्चारण के साथ जल चढ़ाकर पंचामृत अभिषेक करें। जल अर्पण कर चंदन आदि चढ़ाएं और आस्थानुसार भोग (बोर, मिठाई) अर्पण तथा आरती करें। हो सके तो पूजा-अर्चना के साथ भांग या मावे का श्रृंगार भी करें।पूजा में आंकड़े का फूल, धतुरा, पुष्प, इत्यादि भी चढ़ाकर प्रार्थना करें। व्रतधारी को एक समय फलाहार करना चाहिए। शिवरात्रि पर रात्रि पूजा का खास महत्व है। रूद्र, शिवाष्टक का भी पाठ करना चाहिए।
लेकिन 10 ऐसी चीजें हैं जिन्हें अर्पित नहीं करना चाहिए।
1. तुलसी पत्ता : शिवजी को तुलसी का पत्ता अर्पित नहीं किया जाता है। जलंधर नामक असुर की पत्नी वृंदा के अंश से तुलसी का जन्म हुआ था जिसे भगवान विष्णु ने पत्नी रूप में स्वीकार किया है। इसलिए तुलसी से शिव जी की पूजा नहीं होती है।
2. फूल : भगवान शिव को केतकी, कनेर, कमल, चंपा, केवड़ा, दुपहरिका, गुड़हल, मालती, चमेली, कुन्द, जूही के फूल अर्पित नहीं करते हैं।
3.कुमकुम : यह सौभाग्य का प्रतीक है जबकि भगवान शिव वैरागी हैं इसलिए शिवजी को कुमकुम रोली नहीं चढ़ता।
4. नारियल : शिवजी को नारियल भी अर्पित नहीं किया जाता है, क्योंकि नारियल श्रीफल है। अर्थात वह माता लक्ष्मी का प्रतीक जो सिर्फ विष्णु जी को ही चढ़ाया जाता है। इसके और भी कई कारण हैं।
5.टूटे हुए चावल : वैसे तो भगवान शिव को चावल अर्पित नहीं करना चाहिए लेकिन करना ही है तो टूटे हुए चावल नहीं होना चाहिए। टूटा हुआ चावल अपूर्ण और अशुद्ध होता है इसलिए यह शिव जी को नहीं चढ़ाया जाता है।
6. लाल चंदन : शिवजी को सफेद और पीला चंदन अर्पित करते हैं लाल नहीं। लाल चंदन सौभाग्य का प्रतीक है।
7. शंख जल : शिवजी को या शिवलिंग पर शंख में जल भरकर अर्पित नहीं करते हैं क्योंकि भगवान शिव ने शंखचूड़ नाम के असुर का वध किया था। शंख को उसी असुर का प्रतीक माना जाता है जो भगवान विष्णु का भक्त था इसलिए विष्णु भगवान की पूजा शंख से होती है शिव की नहीं। शिवजी के समक्ष शंख भी नहीं बजाया जाता है।
8. तिल : शिवजी पर तिल या तिल से बनी कोई चीज़ चढ़ाना वर्जित है। माना जाता है कि तिल की उत्पत्ति विष्णुजी के मेल से हुई थी।
9. हल्दी : हल्दी का संबंध भगवान विष्णु और सौभाग्य से है इसलिए यह भगवान शिव को नहीं चढ़ता है। हल्दी गर्म भी रहती है इसलिए भी इसे नहीं चढ़ाया जाता क्योंकि शिवजी को ठंडी चीजें अर्पित की जाती है।
10. सिंदूर : इसका संबंध भी सौभाग्य से है और यह गरम भी रहता है।
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शिव की पूजा में क्या नहीं करना चाहिए?
शिवलिंग पर क्या क्या नहीं चढ़ाया जाता है?
शिव जी को सबसे प्रिय क्या है?
शिवलिंग पर जल कब नहीं चढ़ाना चाहिए?
महाशिवरात्रि पर क्यों नहीं सोना चाहिए?
शिव जी को कौन सा रंग पसंद है?
शिव जी को कौन सा फल पसंद है?
शिव को क्या पसंद है?
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