गिरते पानी ने पहाड़ों को वो सौंदर्य प्रदान किया कि वाराणसी शक्तिनगर हाइवे से गुजरते लोग घाटी में गिरते झरने को देख कर कहते है अरे वो देखो झरना गिर रहा है। और लोग रुक क
दोस्तो घाटी में गिरता यह झरना अपने पास आने को खूब ललचाता रहा है लेकिन घने जंगल, ऊबड़ खाबड़ रास्ते इसके पास जाने में बाधक रहे है।
स्थानीय लोगों की पहुंच तो सदियों से रही लेकिन पर्यटक के लिए ये जगह हमेशा से दुर्गम रहा है। फ़िर धीरे धीरे शुरु हुई इसकी ट्रैकिंग और उसी कड़ी में हम भी जुड़े 2019 में और बीना अता पता हम 3 दोस्त नदी के जल राशि को पार कर पहुंचे थे। उसके बाद कई दफा निचे से और कई दफा उपर से भी गए।
कई बार आप लोगों के कमेंट आए की उपर से रास्ता बताइए तो आज बता रहा हूं ध्यान से देख लीजिए और समझ लीजिए।
दोस्तो goole मैप पर लोकेशन सेट करिए और पहुचिए bhaldariya दरी।
वाराणसी से अहरौरा घाटी दूरी 40 km, चुनार से 35 km, मिर्जापुर से 60 km है।इस घाटी में बहने वाले प्रमुझ झरने है लखनिया दरी, चूना दरी, नौका दरी, सुखदरिया दरी, भलदरिया दरी के अलावा और भी छोटे छोटे झरने।
रास्ते में आपके वनस्थली विद्यापीठ के पास अहरौरा घाटी में टोल प्लाजा मिलेगा उसको cross कर के जैसे ही आगे बडेंगे
ठहरने और खाने के लिए एक्वा जंगल वॉटर पार्क के होटल। और यदि महिला साथ में हो तो बेटियों का रेस्टोरेंट भी best option hai।
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