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चंद्र ग्रहण || 2025 का पहला चंद्र ग्रहण || आसमान मे दिखाई देगा अद्भुत नजारा || #चंद्र_ग्रहण #ग्रहण

चंद्र ग्रहण || 2025 का पहला चंद्र ग्रहण || आसमान मे दिखाई देगा अद्भुत नजारा || #चंद्र_ग्रहण #ग्रहण

खगोलीय घटनाओं में दिलचस्पी रखने वालों के लिए साल 2025 बेहद खास होने वाला है. नए साल यानी 2025 में सूर्य और चंद्र को मिलाकर कुल 4 ग्रहण लगेंगे. इसमें दो सूर्य ग्रहण और दो चंद्र ग्रहण होंगे. ज्योतिष आचार्यों की मानें तो साल 2025 में ग्रहणों की शुरुआत 14 मार्च से होगी और 21 सितंबर को 2025 को अंतिम ग्रहण लगेगा. बता दें कि, 14 मार्च 2025 को पूर्ण चंद्र ग्रहण लगेगा और इसी माह सूर्य ग्रहण भी है. ये दोनों ही ग्रहण भारत में नजर नहीं आएंगे. इसलिए इनका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा. हालांकि, चारों ग्रहण में केवल 1 चंद्रग्रहण का नजारा भारत में दिखाई देगा, जिसका सूतक काल भी मान्य होगा. अब सवाल है कि आखिर साल 2025 में कब-कब सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण लगेगा? भारत में दोनों ग्रहण दिखेंगे या नहीं?

साल 2025 का पहला चंद्र ग्रहण फाल्गुन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन लगने वाला है। आइए जानते हैं यह ग्रहण किस हद तक प्रभावी रहेगा और भारत में इसे देखा जा सकेगा या नहीं...

वर्ष 2025 में कुल चार ग्रहण लगने वाले हैं, जिनमें से पहला ग्रहण चंद्र ग्रहण होगा। यह ग्रहण फाल्गुन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन घटित लगेगा। यह एक खग्रास चंद्र ग्रहण होगा, जिसका ज्योतिषीय प्रभाव महत्वपूर्ण माना जा रहा है। पंचांग के अनुसार यह चंद्र ग्रहण सिंह राशि और उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र में घटित होगा। इस कारण सिंह राशि और उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र से जुड़े जातकों के लिए यह ग्रहण शुभ संकेत लेकर आ सकता है। हालांकि, यह ग्रहण किस हद तक प्रभावी रहेगा और भारत में इसे देखा जा सकेगा या नहीं आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

साल 2025 का पहला चंद्र ग्रहण 14 मार्च को लगेगा। यह ग्रहण फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा के दिन घटित होगा।
ग्रहण प्रारंभ होने का समय: सुबह 10 बजकर 41 मिनट
ग्रहण समाप्त होने का समय: दोपहर 2 बजकर 18 मिनट
इस ग्रहण की कुल अवधि 3 घंटे 37 मिनट की होगी।

यह चंद्र ग्रहण मुख्य रूप से ऑस्ट्रेलिया, यूरोप के अधिकांश भाग, अफ्रीका के बड़े हिस्से, प्रशांत, अटलांटिक और आर्कटिक महासागर, उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका, पूर्वी एशिया तथा अंटार्कटिका में स्पष्ट रूप से देखा जा सकेगा। हालांकि, भारत में इस ग्रहण का दृश्य रूप से अवलोकन संभव नहीं होगा, क्योंकि यह भारतीय समयानुसार दिन में घटित होगा, जब चंद्रमा आकाश में दृष्टिगोचर नहीं होगा।

ज्योतिषीय दृष्टि से यह चंद्र ग्रहण सिंह राशि और उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र में लगेगा, जो इसे विशेष रूप से प्रभावशाली बनाता है।

चंद्र ग्रहण का प्रभाव सभी राशियों पर अलग-अलग प्रकार से पड़ेगा, लेकिन विशेष रूप से सिंह राशि और उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र में जन्मे लोगों के लिए यह महत्वपूर्ण रहेगा। यह ग्रहण कुछ लोगों के लिए आर्थिक उन्नति और आत्मविश्वास में वृद्धि का संकेत देगा, जबकि कुछ लोगों को सावधानी बरतने की आवश्यकता हो सकती है।

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