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Badrinath Mandir: बद्रीनाथ मंदिर की यात्रा, कहानी, इतिहास और महत्व (Hindi)

Badrinath Mandir ki kahani, itihas aur mehatv janne ke lie dekhe humara vishesh video. Uttarakhand ke is mandir ki yatra bahut hi khaas hai aur hum aapko bataenge ki kaise aap Badrinath Mandir ki yatra kar sakte hai.

चारधामों में से एक बद्रीनाथ नर नारायण की गोद में बसा है। हिन्‍दू धर्म में ऐसी मान्‍यता है कि चारधाम की यात्रा से मोक्ष की प्राप्ति होती है। धरती पर मोक्ष पाने का अहसास दिलाता है बद्रीनाथ धाम। यह मंदिर उत्‍तराखंड राज्‍य में अलकनंदा नदी के बाएं तट पर नर और नारायण नामक दो पर्वत श्रेणियों के बीच स्थित है। देश को एक सूत्र में बांधने के लिए आदिगुरू शंकराचार्य द्वारा चारों दिशाओं में चारधाम की स्‍थापना की गई थी जिसमें से एक उत्तर में बद्रीनाथ धाम तीर्थस्थल है जो भगवान विष्णु का दरबार माना जाता है।

मन्दिर में नर-नारायण विग्रह की पूजा होती है और अखण्ड दीप जलता है, जो कि अचल ज्ञान ज्योति का प्रतीक है। यह भारत के चार धामों में प्रमुख तीर्थ-स्थल है। अलकनन्दा नदी के केवल दर्शन ही किये जाते हैं क्‍योंकि यहां पर अत्‍यंत ठंड रहती है। यात्री तप्तकुण्ड में स्नान करते हैं। यहां वनतुलसी की माला, चने की कच्ची दाल, गिरी का गोला और मिश्री आदि का प्रसाद चढ़ाया जाता है।

विशेषता

बद्रीनाथ धाम में सनातन धर्म के सर्वश्रेष्ठ आराध्य देव श्री बदरीनारायण भगवान के पांच स्वरूपों की पूजा अर्चना होती है। विष्‍णु के इन पांच रूपों में बद्रीनाथ, श्री विशाल बद्री, श्री योगध्यान बद्री, श्री भविष्य बद्री, श्री वृद्घ बद्री एवं श्री आदि बद्री प्रसिद्ध हैं। बद्रीनाथ मंदिर में गाई जाने वाली आरती लगभग 132 वर्ष पुरानी है। शंकराचार्य की व्यवस्था के अनुसार बद्रीनाथ मंदिर का मुख्य पुजारी दक्षिण भारत के केरल राज्य से होता है। अत्‍यि‍धक ठंड होने के कारण बद्रीधाम के कपाट केवल अप्रैल-मई से अक्टूबर-नवम्बर तक ही खुले रहते हैं। यहां पर 130 डिग्री सैल्सियस पर खौलता एक तप्त कुंड है जिसमें 12 महीने गर्म पानी रहता है और सूर्य कुण्ड है जहां पूजा से पूर्व स्नान आवश्यक समझा जाता है। बद्रीनाथ के पास माणा गाँव भी स्थित है जिसे भारत का अंतिम गाँव भी कहा जाता है। बद्रीनाथ में ही राजा युधिष्ठिर ने सदेह स्वर्ग को प्रस्थान किया था जिसे स्‍वर्गारोहिणी के नाम से जाना जाता है।

कैसे पहुंचे

बद्रीनाथ पहुंचने के लिए आप रेल, वायु और सड़क मार्ग चुन सकते हैं। यह सभी परिवहन साधन सुगम हैं।

अन्‍य दर्शनीय स्‍थल

तीर्थयात्री बद्रीनाथ में अलकनंदा नदी, वेद व्यास गुफा, गणेश गुफा, लक्ष्मी वन, स्वर्गारोहिणी आदि दर्शनीय स्‍थल हैं।

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